मंगलवार, 26 मई 2009

BUDDHA

गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों में संतुलन की धारणा को महत्व दिया। उन्होंने इस बात पर बहुत बल दिया कि योग की अति अर्थात तपस्या की अति से भी बचना जरूरी है। संस्कार सुप्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप व्यक्ति के दिल-दिमाग पर विनाश डेरा डाल देता है